Friday 8 September 2017

Shohar aur biwi ki Mohabbat ka wazifa

नसीब में जो लिखा है वो मिल ही जायेगा या रब, कुछ वो अत्ता कर जो मेरे नसीब में नहीं”
कई मर्तबा लोगो की शिकायत रहती है है हमने वजीफा किया, दुआ की, अमल भी किया पर हमारा काम मुकम्मल नहीं हुआ| लोगो की शिकायत होती है खुदा से की वो उनकी नहीं सुनता या फिर की गरीब की दुआ कौन सुनता है |
इसके लिए मैं आपको बता दू की वो खुदा ना तेरा है ना मेरा | अल्लाह पाक ने इस ख़ूबसूरत जहां को बनाया है तो खुदा भी सबका ही होता है | बस हम ही गलती कर देते है पर वो रहम दिल सिर्फ एक बार तौबा करने से ही हमारे सारे गुनाह को माफ़ कर देता है | वो रहीम है, करीम है उसके यहाँ अमीर क्या और गरीब क्या वो सबकी सुनता है और सबकी हिफाज़त करता है |
हमारे से की गयी वो अगल़ात जिनके कारण हमारी फरियाद अल्लाहताला के पास नहीं पहुचती |
ü  नमाज़ की पाबन्दी ना होना और काफिरों के साथ रहना |
ü  दुआ, वजीफा, अमल या आयत को पढ़ते वक़्त अल्फाजो की अगल़ात |
ü  आदि कई ऐसी गलतियाँ है जो हम कर देते है और जिनके लिए तोबा भी नहीं करते |
इसके लिए बहतर होगा की आप मशवरा ले कर करे या जिन्हें तजुर्बा है उनसे कहे की वो आपके लिए करे |

शौहर बीवी में मोहब्बत बढ़ाने का वज़ीफ़ा
ü  अल्लाहुम्मा जॉनी मेहबूब इन फि मिलते
ü  बइहाकी या बुदुहू या बुदुहू
ü  वजीफा को करने का तरीका
ü  इंशा के बाद नमाज़ अत्ता करे
ü  11 मर्तबा दारूद पढ़े
ü  मंद रेजा ज़हेल 11 मर्तबा
ü  अब फिर 11 मर्तबा दारूद पढ़े
ü  अब इस वजीफा को 40 दिन पढ़े
यह एक बेमिसाल और मुकम्मल वजीफा है जो आपके रिश्ते में शक्कर की सी मिठास घोल देगा |
यक़ीनन यह वजीफा आजमाया हुआ है |

Note 1:- कोई भी दुआ या वजीफा करने से पहले बिस्मिल्लाह जरुर कहे | पाक कुरान-ए-शरीफ में भी 113 मर्तबा सुरह से पहले बिस्मिल्लाह का ज़िक्र है |
Note 2:- काफिरों से इसका ज़िक्र ना करे क्योंकि काफिरों से इल्म की बात करना इल्म की तौहीन है |
Note 3: - यह वजीफा आपके रिश्तों के साथ साथ आपके खोये हुए प्यार से मिलवाने में कारगर साबित हुआ है | मतलब जिनका महबूब उनसे दूर हो गया उन्होंने भी इस वजीफा की बदौलत ही अपनी मोहब्बत को पाया है और उनसे निकाह मुकम्मल किया है |
Note 4: - वजीफा में दिए गए अल्फाज़ों को सही से पढ़े तभी ये कारगर है क्योंकि आप गलत हो सकते हो पर खुदा का लिखा हर अल्फ़ाज़ सर आँखों पर |
Note 5:- वजीफा करने से पहले इज़ाज़त लेनी है या वजीफा करने के बाद भी आपको कोई मुश्किलात है या वजीफा करने पर भी फायेदा नहीं हो पा रहा है या अल्फाज़ सही नहीं बोल पा रहे या फिर कोई मशवरा लेना है तो नीचे दिए गए नंबर पर call (whatsApp) and Mail कर सकते है या फिर अन्य किसी मुश्किलात के लिए मेरी website पर आपकी हर मुश्किलात के लिए blog बने है वहा जाये |
मौलवी वाहिद अली खान  
Call and WhasApp: - +91-9887410987
Mail:-  astrohelpline786@gmail.com

Web address: - http://islamicduawazifa.com/

Wednesday 6 September 2017

wazifa for dua ki qabooliyat: Dili Muraad puri hone ka wazifa

हर शख्स की दिली ख्वाहिश होती है की उसकी हर मुश्किलात काफूर हो जाये | किसी को अपना सच्चा प्यार चाहिए तो किसी को अपने धंधे में बरकत | सबके अपने अपने सपने होते है और वो उन सपनो को पूरा करने के लिए अल्लाह पाक से गुजारिश करता है परन्तु कई मर्तबा हम अल्लाहताला से दुआ करते है और वो कबूल नहीं हो पाती | इसके लिए गुनहगार हम ही है हर दुआ कबूल होती है अगर आप पाक साफ़, नेक और अल्लाह की राह पर चलते है |
कोई भी दुआ करने से पहले इन बातो को अपने जहन में उतारे |
1.       5 वक़्त नमाज़ी बने और 11 मर्तबा दुरूद शरीफ पड़े |
2.       रमजान के पाक महीने में रोज़ा रखे और अल्लाह की इबादत करे |

दिली मुराद पूरी होने का वजीफा
नमाज़ के बाद 786 बार बिस्मिल्लाह पढ़े और दुआ करे नक्श बिस्मिल्लाह भी गले में पहने |
फिर देखे कैसे आपके दिल की हर मुराद पूरी होती है |
दुआ की क़बूलियत के लिए वजीफा
अगर कोई दुआ पढने से पहले बिस्मिल्लाह पढता है तो अल्लाहताला उनकी दुआ कबूल फरमाते है |
दुआ की क़बूलियत के लिए बिस्मिल्लाह 33 बार पढ़े |
कुरान-ए-पाक 6349 आयत में से 113 मर्तबा बिस्मिल्लाह हर सुरह के आगाज में है | इसलिए बिस्मिल्लाह कहने से ही आपकी हर मुश्किलात काफूर हो जाएगी | आमीन
किसी भी मुश्किलात के हल या सवालातों के लिए मशवरा करे |
मशवरे के लिए जाये

मौलवी वाहिद अली खान
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Istikhara Dua For Love Marriage Dua Problems

Only a few people have the luxury to marry their lover and stay with them for the rest of the life. The others do not get a chance to do lo...